मार्केट की सबसे फेमस कार Hyundai i20 नये लुक के साथ आई

Hyundai i20: किसी ने सोचा भी नहीं था जब 2008 में हुंडई ने पहली i20 लॉन्च की थी। मारुति स्विफ्ट का राज चल रहा था और हुंडई ने इस सेगमेंट में एक प्रीमियम हैचबैक उतारने का फैसला किया। मेरे चाचा ने पहली जनरेशन की एक रेड i20 खरीदी थी। सेल्समैन शायद खुद नहीं जानता था कि वह एक ऐसी कार बेच रहा है जो भारतीय मिडिल क्लास की सोच को बदल देगी। वो पहली i20 इतनी खास नहीं दिखती थी – यूरोपियन डिज़ाइन के साथ थोड़ी औसत सी – लेकिन इसने भारतीय बाज़ार को सिखा दिया कि हैचबैक केवल ‘बजट कार’ नहीं होती। नाम भी बस मार्केटिंग नहीं था – ‘i’ वाकई इंटेलिजेंट इनोवेशन का प्रतीक बन गया।

इंजन: दमदार परफॉरमेंस जो आपको चौंका देगी

आईये इंजन के बारे में खुलकर बात करते हैं – वर्तमान i20 के तीन इंजन विकल्प किसी भी प्रतिस्पर्धी को शर्मिंदा करने के लिए काफी हैं। मेरे दोस्त की 1.0 लीटर टर्बो GDi वाली नीली i20 ने 15,000 किलोमीटर पूरे कर लिए हैं और अभी भी नई जैसी चलती है। 120 हॉर्सपावर का यह छोटा रॉकेट बड़ी सेडान्स को लाइट्स पर पीछे छोड़ देता है। पावर डिलीवरी में वो इंस्टेंट पुश है जो आमतौर पर इस सेगमेंट में नहीं मिलता। टर्बो लगने के बाद मिड-रेंज में ऐसा जबरदस्त पुश मिलता है कि आप हैरान रह जाएंगे। DCT गियरबॉक्स की स्मूथनेस तो किसी लग्जरी कार जैसी है। नेचुरली एस्पिरेटेड 1.2 लीटर पेट्रोल और 1.5 लीटर डीजल विकल्प भी अपनी क्लास में टॉप परफॉर्मर्स हैं। डीजल में तो कमाल का माइलेज भी मिलता है – हाईवे पर 23-24 किमी/लीटर आराम से।

राइड और हैंडलिंग: इंजीनियरिंग का मास्टरपीस

हुंडई को अक्सर सॉफ्ट सस्पेंशन के लिए जाना जाता है, लेकिन i20 एक अलग ही कहानी है। मेरे पड़ोसी की 2021 मॉडल पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे पर ऐसे कॉर्नर लेती है जैसे रेल पटरी पर दौड़ रही हो। सस्पेंशन सेटअप का ट्यूनिंग बिल्कुल सही है – आरामदायक भी और स्पोर्टी भी। गति बढ़ाने पर स्टीयरिंग में वजन आता है जो कॉन्फिडेंस बढ़ाता है। पॉटहोल्स पर झटके कम लगते हैं लेकिन कार का कंट्रोल पूरी तरह ड्राइवर के हाथों में रहता है। नई जनरेशन में हुंडई ने प्लेटफॉर्म को मजबूत बनाया है जिससे हाई स्पीड स्टेबिलिटी और बेहतर हुई है। शहर में टाइट जगहों पर पार्किंग करना भी आसान है – टर्निंग रेडियस छोटा है और रियर पार्किंग कैमरा क्वालिटी बेहतरीन है।

Hyundai i20

इंटीरियर: प्रीमियम फील जो सेगमेंट को रिडिफाइन करती है

केबिन का डिज़ाइन कमाल का है। मेरी बहन की ड्युअल-टोन i20 में बैठते ही प्रीमियम फील आती है। सॉफ्ट-टच मैटेरियल्स, गहरे पैडिंग वाली सीटें, और क्लिक-क्लैक बटन्स में एक ठोस महसूस होता है। 10.25-इंच का टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम किसी टैबलेट जैसा रेस्पॉन्सिव है। एंड्रॉयड ऑटो और एप्पल कारप्ले वायरलेस कनेक्ट होते हैं – अब केबल की झंझट नहीं। रियर सीट स्पेस आश्चर्यजनक है – मेरे 6 फुट लंबे जीजा भी पीछे आराम से बैठ जाते हैं। बूट स्पेस 311 लीटर का है जो वीकेंड ट्रिप के लिए पर्याप्त है। डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर आपको सारी जानकारी देता है और कस्टमाइज भी किया जा सकता है। ब्लूलिंक कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी से फोन से कार कंट्रोल करना बिल्कुल आसान है।

सेफ्टी: कोई समझौता नहीं

हुंडई ने सेफ्टी फीचर्स में भी कोई कमी नहीं छोड़ी है। मेरे कज़िन की टॉप वेरिएंट में 6 एयरबैग्स हैं – फ्रंट, साइड और कर्टेन। इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, व्हीकल स्टेबिलिटी मैनेजमेंट, और हिल असिस्ट कंट्रोल जैसे फीचर्स स्टैंडर्ड हैं। टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम दिखाता है कि हुंडई ने हर छोटी चीज़ का ध्यान रखा है। ABS और EBD तो है ही। GNCAP क्रैश टेस्ट में 3-स्टार रेटिंग मिली है जो इस सेगमेंट में अच्छी मानी जाती है। हाईवे ड्राइविंग असिस्ट फीचर्स लंबी यात्राओं को आरामदायक बनाते हैं।

रोज़मर्रा के अनुभव: असली कहानी

कोई भी कार टेस्ट ड्राइव में अच्छी लग सकती है। असली परीक्षा तो 6 महीने के मालिकाना हक के बाद होती है। मेरे जीजा की सफेद i20 डेढ़ साल से फैमिली यूज़ में है और कोई बड़ी शिकायत नहीं है। फ्यूल इकोनॉमी शहर में 14-15 किमी/लीटर और हाईवे पर 18-19 किमी/लीटर के बीच रहती है – बहुत बुरा नहीं। सर्विस कॉस्ट ₹5,000-7,000 प्रति शेड्यूल्ड मेंटेनेंस आती है जो थोड़ी ज़्यादा है लेकिन प्रीमियम कार के लिए उचित है। एयर कंडीशनिंग 45-डिग्री गर्मी में भी आर्कटिक की तरह ठंडी हवा देती है। इंफोटेनमेंट सिस्टम बिना किसी ग्लिच के काम करता है – कई “एडवांस्ड” सिस्टम्स में आने वाली रैंडम क्रैशिंग की समस्या यहां नहीं है। एकमात्र वास्तविक शिकायत? डीलरशिप एक्सपीरियंस अभी भी मारुति के स्तर तक नहीं पहुंचा है।

Honda Elevate comes with full safety features – look is fantastic

Hyundai i20 सेगमेंट का ट्रेंडसेटर

i20 कोई क्रांतिकारी कार नहीं है। यह आपके इंस्टाग्राम फीड पर डॉमिनेट नहीं करेगी। लेकिन यह वह कार है जिसने भारतीय ग्राहकों को सिखाया कि हैचबैक सिर्फ किफायती विकल्प नहीं होते – वे लग्जरी, परफॉरमेंस और स्टाइल का परफेक्ट पैकेज हो सकते हैं। स्टाइल के पीछे सब्सटेंस को भूलने वाले बाज़ार में, हुंडई का यह सच्चा और ईमानदार अप्रोच ताज़ी हवा जैसा है।

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